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Humsafar Bhi Tum Hi Ho Romantic Love Story in Hindi
Humsafar Bhi Tum Hi Ho Romantic Love Story in Hindi
नमस्कार साथियों - मैं हूँ आपका दोस्त आर्यन , कैसे हो आप सभी आशा करता हूँ कि आप सभी अछे होंगे, तो चलिए फिर शुरू करते हैं एक रोमेंटिक लव स्टोरी के साथ, वैसे मेने कितनी सारी लव स्टोरी लिखी हैं, लेकिन आज कि स्टोरी छोटी हैं पर बहुत ही रोमेंटिक और खास होने वाला हैं , हो भी कैसे नहीं वो हैं ही खूबसूरत ऐसी बस उसे एक बार देख लु तो देखता ही रह जाता हूँ......😊😍हमसफ़र भी तुम ही हो
प्यार गज़ब का एहसास होता है न?
क्या आपको कभी किसी से प्यार हुआ है?
अगर हाँ, तो आप इस कहानी को महसूस कर पाएँगें और
अगर आपको प्यार कभी नहीं हुआ है,
तो इस Love Story को पढ़ने के बाद आप जरूर प्यार के कुछ पल को जीना चाहेगें।
दोस्तो, मेरा नाम आर्यन है। और बात ये उन दिनों की है जब मेरा नाम प्राइवेट स्कूल से कटवाकर सरकारी स्कूल के क्लास- 7 में एडमिशन करवाया गया। मेरा अपने नए स्कूल में पहला दिन था और मैं बड़े अच्छे ढं़ग से तैयार होकर स्कूल गया। जैसे ही मैनें अपने क्लास में कदम रखा कुछ बच्चें मुझे तंग करने लगे और कुछ बच्चें उनके विरोध में कहने लगे ‘‘छोड़ दो आज उसका पहला दिन है, तंग मत करो उसे।’’
फिर एक लड़के ने मुझे कहा यहाँ तुम मेरे साथ बैठ जाओ और मै उसके साथ बैठ गया, कुछ ही देर में मेरी उसके साथ अच्छी बात-चीत होने लगी और वो मेरा दोस्त बन गया।
उस लड़के का नाम राहुल था फिर उसने मुझे अपने कुछ और दोस्तो से मिलवाया और उनसे भी मेरी बात-चीत होने लगी। कुछ दिनों में ही मै सभी लड़को के साथ घुल मिल गया।
फिर एक दिन जब मैं स्कूल गया तो अजय के पास बैठ गया और ऐसे ही बातो ही बातोें में राहुल ने मुझसे पूछा बताओ इतनी लड़कियों में तुमको सबसे अच्छी कौन लग रही है?
मैनें लड़कियों की तरफ देखा और सबसे पिछले बेंच से देखना शुरू किया। पीछे सब बड़ी-बड़ी लड़कियाँ बैठी थी, फिर मैने आगे की ओर देखना शुरू किया तो सबसे आगे की बेंच पर दूसरी नंबर पर बैठी लड़की पर मेरी निगाहें थम सी गई मै उसको देखता ही रह गया। हमसफ़र भी तुम ही हो
फिर राहुल ने कहा क्या हुआ?
मैनें कहा कुछ नहीं ये लड़की कुछ ठीक लग रही है।
उसने तुरंत कहा ‘अरे ये विवेक की पसंद है।‘
मैने कहा माल मतलब?
उसने कहा मतलब विवेक उसको पसंद करता है।
मैनें राहुल से पूछा तो क्या वो भी उसको पसंद करती है।
उसने कहा नहीं सिर्फ विवेक करता है।
मैने राहुल से पूछा इसका नाम क्या है ?
राहुल ने कहा इसका नाम प्रतिभा-रानी है।
फिर अगले दिन जब मैं स्कूल गया तो कुछ ही देर में मेरी नज़रे रानी को देखने लगी पता नहीं क्यों उसको देखना मुझे अच्छा लग रहा था लेकिन जैसे ही वो जब मेरी तरफ देखती मैं अपनी नज़र घुमा लेता।
कुछ दिन तक ऐसे ही उसको मैं देखता रहा।
फिर एक दिन मैनें सोचा कि आज मैं हिम्मत दिखाऊँगा और वो जब मेरी ओर देखेगी तो मैं अपनी नज़रे नहीं हटाऊँगा।
और जब अगले दिन मैं उसे देख रहा था।
तो जैसे ही उसने मुझे देखा, मैं उसे देखता रह गया और वो भी मुझे देखती रह गई वो नजर हटा ही नहीं रही थी।
मुझे थोड़ी घबड़ाहट सी हुई और मैंने ही अपना नज़र हटा लिया। मुझे उसे इसी तरह देखते देखते चार महीने हो चुके थे मुझे लगा कि अब मुझे उसे बताना चाहिए की मै उसे प्यार करता हूँ।
राहुल की बहन जिसका नाम खुश्बू था वो हमलोगो के क्लास में साथ में ही पढ़ती थी और स्कूल खत्म होने के बाद जब मैं राहुल के घर खेलने जाता था तो खुश्बू से मेरी बात भी होती थी।
मैने सोचा की क्यों न खुश्बू के माध्यम से ही रानी को एक लेटर लिख कर दिया जाए, क्योंकि खुश्बू और रानी शाम में एक ही जगह कोचिंग जाते थे।
तो मैनें अगले ही दिन कागज के एक छोटे से टुकड़े पर लिखा ‘‘रानी तुम मुझसे प्यार करती हो की नहीं ये मैं नही जानता लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।’’ हमसफ़र भी तुम ही हो
और मैने वह लेटर खुश्बू के कोचिंग जाने से पहले उसको दे दिया और कहा की ये अकेले में रानी को दे देना और मै घर चला आया। जैसे ही मैं घर आया मुझे डर लगने लगा कि कहीं न वो कल स्कूल के आॅफिस में शिकायत कर दें। मैं दौड़ता हुआ राहुल के घर गया उसे पूछा खुश्बू कहाँ है तो उसने कहा वो तो कोचिंग गई, मैं फिर चुपचाप घर आ गया।
जब अगले दिन मैं स्कूल गया रानी अपने दोस्तों के कान में कुछ कह रहीं थी, मुझे लगा आज तो मैं गया। कुछ देर बाद क्लास शुरू हुई और रानी ने कोई शिकायत नहीं की।
फिर लंच हुआ तो मैंने सोचा आज क्लास में ही रहूँगा अकेले कुछ देर, सब बच्चें निकलने लगे मैं बैठा रहा। मैने देखा रानी भी नहीं निकल रही है और अब क्लास में सिर्फ हमदोनो बैठे थे।
मुझे लगा मुझे अब निकलना चाहिए और मैं निकलने लगा जैसे ही मैं गेट की ओर बढ़ा उसने खड़े होकर कहा क्या लिख कर दिये थे ?
मैंने कहा क्या? कुछ लिख कर, मैनें? मुझे याद नहीं और घबराकर क्लास से बाहर निकल गया।
अब कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा मैं आता क्लास में उसको देखता और वो देखती तो नजर घुमा लेता।
फिर तीन महीने बाद खुश्बू ने मुझे एक लेटर दिया और कहा लो रानी ने दिया है।
क्या बताऊँ, मैं तो बिना पढ़े ही बहुत खुश हो गया। फिर उसको मैने पढ़ा उसमें लिखा था मै तुमको सिर्फ दोस्त मानती हूँ इससे ज्यादा कुछ मत सोचो अभी। हमसफ़र भी तुम ही हो
मैने भी उसके जवाब में एक लेटर लिख कर दिया और यहाँ से थोड़ा बहुत ‘प्रेम-पत्र’ का सिलसिला शुरू हो गया।कुछ दिनों बाद उसने भी मुझे लेटर में लिख कर बोल ही दिया की वो भी मुझसे प्यार करती है।
अब तो जैसे सिर्फ वो ही वो सब जगह थी। लेकिन अभी भी उसके सामने मेरे मुँह से एक शब्द नहीं निकल पाता था जैसे ही वो सामने आती दिल की धड़कने बढ़ जाती थी और मुझे उसी दिन ये पता चला की ये सिर्फ फिल्मों की नौटंकी नही है असल जीवन में भी यही होता है।
अब जब लंच होता तो वो रोज़ अपने लंच का आधा हिस्सा मुझे अपनी दोस्त से भिजवा देती खाने के लिए क्योंकि मैं लंच लेकर नहीं जाता था।कभी वो बच्चों के क्लास में जाती और बच्चों के साथ खेलती तो मैं भी सिर्फ उसके पास खड़े होकर उसे देखता रहता।
ऐसे ही कब दो साल बीत गये पता ही नहीं चला अब हमलोगों का स्कूल छोड़ने का समय आ गया था, क्योकि ये स्कूल सिर्फ क्लास-8 तक ही था। अब उसे क्लास-9 में सिर्फ लड़कियों वाले और मुझे सिर्फ लड़कों वाले स्कूल में जाना था। हमसफ़र भी तुम ही हो
अब स्कूल का अंतिम दिन था उस दिन तो वो ऐसे रो रही थी जैसे उसकी शादी का विदाई समरोह हो रहा हो। फिर मैंने उसकी दोस्त से कहा अरे इंसान मरा नहीं है हम तो रहेगें ही साथ हमेशा किसी न किसी तरह इतना सोचना क्या?
अब उसका नामांकन किसी और स्कूल में हो गया था और मेरा किसी और स्कूल में, मैं अब अपने छत से उसका रोज इंतजार करते रहता और जब वह स्कूल जाते नजर आती तो कुछ दूरी पर मै भी उसके पीछे अपने स्कूल की ओर चला जाता।
ऐसे ही दो साल और बीत गये। रानी और मैं दोनो अब इंटर में मतलब क्लास-11 में पहुँच गये थे उसने अपना विषय साइंस, मैथ्स। और मैने कॉमर्स, मेरा कॉमर्स का कोचिंग सुबह 6 बजे से हुआ करता था और उसका साइंस का सुबह 7 बजे से। मैं रोज कोचिंग के कोचिंग से दस मिनट पहले निकल जाता था ताकि उसको देख सकूँ।
सच्ची प्रेम कहानी हिन्दी मे
मैं उसके कोचिंग से पहले एक जगह पर बैठ जाया करता, वो जाते हुए मुझे देखती और मैं उसे देखता और वही उसका इंतजार करता, तब तक मेरे दोस्त भी मेरे पास आ जाते और हमलोग वहीं एक घंटा इंतजार करते।
जब रानी के कोचिंग का छुट्टी होता तो हमलोग उसके पीछे अपने घर भी आ जाते। एक दिन उसके छुट्टी के बाद जब हमलोग उसके पीछे आ रहे थे तो मेरे दोस्तो ने मुझसे कहा जाओ आज उससे बात करो।
मैंने कहा नहीं ये नहीं हो पायेगा और मेरे दोस्तो ने कहा जाओ और मुझे आगे की ओर धक्का दे दिया। मैं आगे उसके पास बढ़ा और उसकी दोस्त खुश्बू जो उसके साथ थी उसको इशारा किया थोड़ा हटने के लिए और वह हट गई।
मैं एक दम उसके साथ चलने लगा दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी। मैनें जैसे ही उसकी ओर देखा। वो लाल रंग की सूट पहने हुई थी। क्या लग रही थी वो, बहुत सुदंर जैसे कोई परी हो। मैने उससे कहा कैसी हो?
उसने कहा ठीक और मैं पीछे हो गया। ये पहली बार था जब मैने उससे इतने करीब से बात किया था वो भी बिना लेटर के।
कुछ दिनों बाद हमलोग क्लास-12 में आ गये और मेरे दोस्तो ने मुझे ये सुझाव दिया की तुमदोनो को एक ही अंग्रेजी के कोचिंग में नाम लिखवा लेना चाहिए। क्यांेकि क्लास-12 में तो साइंस और काॅर्मस का अंग्रेजी एक ही होता है।
तो मैने अगले दिन ही खुश्बू को कहा की वो रानी से बात कर ले की क्या उसे अंग्रेजी का कोचिंग करना है? तो फिर एक दिन बाद मुझे उसका लेटर मिला जिसमें,रानी ने कहा हाँ, मेरे घर के पास जो अंग्रेजी का कोचिंग है वहीं नामांकण लेने की सोच रही हूँ और आप भी वहाँ आ जाओ, मैं आपको समय बता दूँगी उसी समय आप भी आ जाना। सच्ची प्रेम कहानी हिन्दी मे
फिर मैने उसी के समयनुसार दोपहर 3 बजे के क्लास में नामांकण ले लिया। अब तो मानो की अंदर ही अंदर एक खुशी की लहर बहती रहती और रोजाना बस 3 बजे का इंतजार रहता।
कोचिंग के पहले दिन ही मेरे दोस्तों ने उसके पीछे वाले बेंच पर किसी को बैठने के लिए मना कर दिया था। मैं कोचिंग मेें उसके पीछे बैठा करता था और बस उसे देखता रहता और घर जाने के बाद अपने दोस्त से काॅपी लेकर कोचिंग की पढ़ाई पूरी करता।
वो भी मेरे कारण कुछ समय पहले ही कोचिंग आ जाया करती थी लेकिन उसे अंदर सर के आॅफिस में बाकी लड़कियों के साथ रहना होता था और लड़को को कोचिंग के बाहर पिछली क्लास के खत्म होने का इंतजार करना होता था।
उन दिनों वहाँ कोचिंग के बाहर एक दुकान हुआ करती थी जिसमें लड़कियों के कुछ ज्वेलरी इत्यादि मिला करते थे। तो मेरे पास जब भी पैसे आते मैं कुछ न कुछ रानी के लिए वहाँ से खरीद लिया करता, ज्यादातर मैं एयररिंग ही खरीदता था और उसे क्लास में बुक के अंदर करके उसे बेंच के नीचे से दे दिया करता था, और अगले दिन वो उसी एयररिंग को पहन कर आती।
एक दिन मैंने उसे किटकैट चाॅकलेट बुक के अंदर करके दिया और अगले दिन मुझे उसने बुक चाॅकलेट के साथ ही लौटा दिया जिसमें एक लेटर था।
लेटर में उसने लिखा था कि ये मैं अकेली नहीं खा सकती आपको भी खाना होगा। अगर सच में आप चाहते है मैं इसे खाऊँ, तो आप इसमें से आधा खा लिजिए उसके बाद मुझे दिजिए।
फिर मैंने उसमें से आधा तोड़कर उसे वो बुक के साथ लौटा दिया और उसके सामने ही मैंने वो चाॅकलेट अपने दोस्तो के साथ शेयर करके क्लासरूम में ही खा लिया।
कुछ दिनों बाद बारिश का मौसम मतलब सावन आ गया था। सोमवार का दिन था और मैं उसका इंतजार कोचिंग के पास कर रहा था। अचानक से वो मुझे रोड के उस तरफ दिखी हरे रंग के सूट में वो बहुत ही खुबसूरत लग रही थी। एकदम से वो मेरे पास से गुजरी और मैंने अपनी नज़रे थोड़ी झुका ली।
वो अंदर जैसे ही आॅफिस में गई उसने मुझे वहाँ से इशारा किया अंदर आने को, मैं अंदर गया वो अकेली मेरे सामने बैठी थी। शायद अभी तक कोई दूसरी लड़कियाँ नहीं आई थी।
रानी ने अपनी नोज़रिंग दिखाते हुए मुझसे पूछा कैसा है, मैने बोला अच्छा है। फिर उसने कहा बैठो।
और मैं उसके सामने वाले कुर्सी पर बैठने लगा, उतने में उसने बोला वहाँ नहीं मेरे बगल में बैठो। तो मैं एक दम उसके बगल वाली कुर्सी पर बैठ गया। अब तो मेरा हालत खराब होने लगा दिल की धड़कने तेज हो गई और मैं अपने सामने रखी बोतल के पानी को पीने लगा।
रानी ने फिर मुझसे कहा मैने आज फास्टिंग किया है आपके लिए। मैंने उसे तुरंत कहा, क्या जरूरत था ये सब का? फिर उसने कहा आप चिंता मत कीजिए कुछ और उतने में दूसरी लड़कियाँ आ गई और मुझे बाहर आना पड़ा।
फिर एक दिन बारिश हो रही थी और मैं कोचिंग के बाहर रानी का इंतजार कर रहा था, मैनें उस दिन रानी के लिए एक रिंग खरीद कर रखा था।
क्लास शुरू हो गया था लेकिन वो अभी तक नहीं आई थी सब लोग अंदर चले गये मैं बाहर उसका इंतजार कर रहा था। कुछ देर बाद वो आई और आॅफिस में चली गई वो हल्की भींगी हुई थी इसलिए मैं उसके पास गया। उस समय आॅफिस में कोई भी नहीं था क्योंकि सर क्लास में पढ़ा रहे थे और बच्चे सब भी वहीं थे। मैंने रानी को अपना रूमाल दिया और उसे सर पोछने को कहा।
रूमाल देते समय उसने मेरे हाथ में कुछ देखा और पूछा क्या है ये? तो मैने उसे वो रिंग दिखाया और उसने अपना हाथ आगे कर दिया और मैंने उसे वो रिंग पहना दिया। उसके बाद वो रूमाल लिये ही क्लास में चली गई। और उसके जाने के कुछ देर बाद मैं क्लास में गया।
अगले दिन जब वो आई उसने बेंच के नीचे से मेरा रूमाल मुझे लौटा दिया। मैं जब घर पर आया तो देखा की रूमाल धोया हुआ है और उसमें धागे से एक छोटा सा दिल बनाकर आर्यन और रानी लिखा हुआ है। दोस्तो, अगर आपको ये लग रहा है कि कितना अच्छा तो था सब कुछ।
तोे कहानी अभी बहुत बाकी है। मै आपको सब कुछ इसलिए बता रहा हूँ ताकि आप भी मेरे साथ-साथ उस प्यार को महसूस करो। फिर एक दिन जब मैं काॅलेज में था तो मुझे काॅल आया (मैनें क्लास-12 में एक रिलाइंस का फोन ले लिया था)। काॅल पर रानी थी।
मैने उससे पूछा ये किसका फोन है तो उसने कहा की ये खुसबू का फोन है उसके बाॅयफ्रेंड ने उसको दिया है और मैं कभी-कभी इससे ही काॅल कर लिया करूँगी काॅलेज के समय में।
एक दिन जब उसने मुझे काॅल किया तो कहा की मै आपसे मिलना चाहती हूँ और मैने उससे कहा की ठीक है, मैं आपको एक दो दिन में बताता हूँ की कहाँ मिलना है।
अब मैं सोचने लगा की कहा मिलूँ रानी से क्योंकि मै ज्यादा घर से बाहर जाता नहीं था और मुझे बाहर का कुछ पता नहीं था की कहाँ मिल सकते है। फिर अचानक से लगा कि अपने घर तो बुला नहीं सकता हूँ क्यों न मौसी के घर पर ही उससे मिलू क्योंकि मेरी मौसी रेन्ट पर रहती थी और मेरे मौसा जी दिन में दुकान पर रहते थे।
तो मैंने माँ से बात की, माँ गुस्से में पहले कुछ बोली लेकिन मैने फिर माँ को मना लिया कि वो मौसी से बात कर ले।सब कुछ फाइनल होने के बाद मैने रानी को कहा की हमलोग शुक्रवार को मिल सकते है आप अपने काॅलेज के पास सुबह 11 बजे रहना मै वहाँ आ जाऊँगा।
शुक्रवार के दिन मैं सुबह 10ः30 बजे वहाँ पहुँच गया। वो भी कुछ देर बाद वहाँ आ गई, मैने आॅटो रूकवाया और उसे बैठने को कहा और खुद उसके पास न बैठकर आगे बैठ गया।
उसके बाद आॅटो से उतकर हम दोनो पैदल चलने लगे रास्ते में हमदोनो ने कुछ भी बात नहीं किया क्योंकि हमदोनो नर्वस थे। कुछ देर बाद मौसी का घर आ गया। मैने दरवाजा खटखटाया और मौसी ने दरवाजा खोला उसके बाद साक्षी ने मौसी को प्रणाम किया और हमदोनो अंदर गये।
अंदर बहुत शांति थी क्योंकि मौसी की बेटी सोयी हुई थी और मौसा जी दुकान गये हुए थे। तुरंत में मौसी ने हमलोगो के लिए पानी, मिठाई इत्यादि लाया और कहा खाओ मै कपड़े धो कर आती हूँ।
मैंने रानी को पानी दिया उसने पूरा ग्लास पानी का एक बार में ही पी लिया और उसी ग्लास में फिर मैंने भी पानी पी लिया। मैने उसे कहा की आप आराम से बेड पर बैठ जाओ घबड़ाओ मत मै हूँ न यहाँ।
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या बात करूँ तो मै इधर उधर का बात करने लगा ताकि उसको अच्छा लगे। और फिर मैने उसे कुछ खाने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया।
तो मैने खुद अपने हाथ से उसे मिठाई खिलाया। उसके बाद वो थोड़ा अच्छा महसूस करने लगी। इतने में ही लाइट कट गई, अब बस रूम में दरवाजे से हल्की हल्की रौशनी आ रही थी।
मैने उससे कहा की आप अपना चश्मा उतार दो कुछ देर आपको ठीक लगेगा और गर्मी भी कम लगेगी।
जब साक्षी ने अपना चश्मा उतारा मै उसको ही देखता रह गया हल्की सी रौशनी में वो बहुत ही प्यारी लग रही थी कुछ देर तक हमदोनो एक दूसरे को सिर्फ देख रहे थे।
उसके बाद मैं उसके थोड़ा करीब गया और उससे कहा अपना हाथ दीजिए। रानी ने तुरंत अपना हाथ मेरे हाथ में दे दिया वो मेरा हाथ एकदम जोड़कर पकड़ी हुई थी जैसे इस हाथ को कभी छोड़ना ही नहीं है। उतने में ही लाइट आ गया और मैं थोड़ा पीछे हट गया।
फिर रानी ने कहा अब निकलना चाहिए क्योंकि लेट हो रहा है, तो मैने मौसी को बुलाया और कहा की हमलोग अब जा रहे है। और फिर हम लोग वहाँ से निकल गये, रोड पर आने के बाद मैने आॅटो रूकवाया और इस बार मैं उसके साथ आॅटो पर पीछे ही बैठ गया और उसका हाथ पकड़ लिया।
कुछ देर बाद वो अचानक से चिल्लाई पापा, मैनें कहा अरे! क्या हुआ?
वो बोली मेरे पापा थे तो मैने उससे कहा की पापा को सपना थोड़ी आया होगा की आप मेरे साथ हो और उन्होने वैसे भी आपको देखा थोड़ी। उसके बाद उसने अपने घर के पास आॅटो रूकवाया और वो वहाँ उतर गई वो काफी उदास लग रही थी ऐसा लग रहा था उसको घर नहीं जाना था। मैं भी कुछ देर बाद अपने घर पहुँच गया। आगे का कहानी जल्द ही अपडेट होगा।
Note- ये स्टोरी सच्ची हैं , इस कहानी में बताई गई सभी बाते सच्ची हैं बस नाम और पता चेंज कर दिए गए हैं , इस कहानी में जो लीड करेंगे उनका नाम आर्यन हैं और उनकी होने वाली रानी इस कहानी की मुख भूमिका अदा करेंगे , इसके अलावा जो इस कहानी के भुमका अदा कर रही हैं उनका नाम खुश्बू हैं और उनके भाई राहुल जो मेरे दोनों कॉलेज के अछे दोस्त हैं।
धन्यवाद!
ये थीं एक छोटी सी बस कि लव स्टोरी हम दोनों कि , अगर आपके पास भी ऐसी कोई लव स्टोरी हैं तो आप मेरे साथ शेयर कर सकते हो ......☺️😍
Thanku my love ( Pratibha Rani )
आशा करते हैं कि आपको ये कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा , अगर कहानी अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों औऱ आपने फॅमिली में जरूर शेयर करे
अगर आपको ये कहानी अछि लगी हो तो ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए अपने दोस्तो को .....
Written By –✍ @Aryan-Rani❤️😘
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Best love story.... Bahut hi khoob
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar story likhi hj apne ❤
जवाब देंहटाएंBest love story
जवाब देंहटाएंAap dono ka jodi hamesa salamat rahein........ Bahut hi achi story thi dil ko chhu gaaa apki story
जवाब देंहटाएंThanku so much 😍❤️🙏🙏
जवाब देंहटाएंThanku so much 😍😍
जवाब देंहटाएंLove
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