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कहा खो गई थी तुम Short Romantic Love Stories In Hindi

कहा खो गई थी तुम  Short Romantic Love Stories In Hindi गाँव में कॉलेज नही था इस कारण पढ़ने के लिए में शहर आया था । यह किसी रिश्तेदार का एक कमरे का मकान था! बिना किराए का था,  आस-पास सब गरीब लोगो के घर थे। और में अकेला था सब काम मुजे खुद ही करने पड़ते थे।  खाना-बनाना, कपड़े धोना, घर की साफ़-सफाई करना। कुछ दिन बाद एक गरीब लडकी अपने छोटे भाई के साथ मेरे घर पर आई। आते ही सवाल किय " तुम मेरे भाई को ट्यूशन करा सकते हो कयां?" मेंने कुछ देर सोचा फीर कहा "नही" उसने कहा "क्यूँ? मेने कहा "टाइम नही है। मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी।" उसने कहा "बदले में मैं तुम्हारा खाना बना दूँगी।" शायद उसे पता था की में खाना खुद पकाता हुँ मैंने कोई जवाब नही दिया तो वह और लालच दे कर बोली:- "बर्तन भी साफ़ कर दूंगी।" अब मुझे भी लालच आ ही गया: मेने कहा- "कपड़े भी धो दो तो पढ़ा दूँगा।" वो मान गई। इस तरह से उसका रोज घर में आना-जाना होने लगा। वो काम करती रहती और मैं उसके भाई को पढ़ा रहा होता। ज्यादा बात नही होती।   उसका भाई 8वीं कक्षा में था। खूब होशियार था। इस

प्रेम कि दर्द भरी कहानियां जिसे पढ़कर रो पड़ेगें- Painful love stories hindi

प्रेम कि दर्द भरी कहानियां जिसे पढ़कर रो पड़ेगें- Painful love stories hindi



https://www.hindisstory.in/2021/09/very-sad-love-story-in-hindi.html


आर्यन और नैना एक कॉलेज में पढ़ रहे थे और उनकी दोस्ती कुछ ही दिनों में प्यार में बदल गई। उनका प्यार गहरा और अच्छा था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी दोस्ती में झगड़े और मिलने-मिलाने की तनाव शुरू हो गए।


नैना के स्थानीय शहर में परिवार की समस्याओं के कारण उसके पास समय नहीं होता था, जिससे आर्यन के साथ उसकी बातचीत भी कम हो गई। वे दोनों आपसी सहयोग और समझ के बावजूद अपने प्यार को बरकरार रखने में विफल रहे।


एक दिन, जब नैना शहर में नहीं थी, आर्यन ने एक गलतफहमी के आधार पर नैना को एक संदेश भेजा, जिसमें उसने उसकी विश्वासघात की बातें लिखी थी। जब नैना वापस आई और उसने सच्चाई जानी, तो वह बहुत दुखी हुई।


दोनों के बीच में कई प्रयासों के बावजूद, उनकी दोस्ती के रिश्ते में गहराईयाँ बढ़ने के बावजूद, उनका प्यार टूट गया। यह एक दुखद स्थिति बन गई, जिससे दोनों को अपने प्यार की क़दर करने का आवसर मिला, लेकिन बिना किसी चाहे हुए नतीजे के।


रोहन और मेघा एक छोटे से गाँव में रहते थे। उनकी मुलाकात बचपन में हुई थी और वे बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। वक़्त बितने के साथ, उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते थे।


लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते गए, उनकी परिस्थितियाँ भी बदल गईं। रोहन के पास अपने परिवार का बोझ था और उसे ज़िन्दगी के साथ लड़ना पड़ रहा था। मेघा उसके साथ खड़ी थी, लेकिन रोहन की समस्याओं का समाधान नहीं मिल पा रहा था।


धीरे-धीरे, उनका प्यार दबने लगा और उनकी दूरियाँ बढ़ने लगी। मेघा को ख़बर मिली कि रोहन अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए किसी और के साथ है। यह सुनकर उसका दिल टूट गया, परंतु उसने रोहन की ख़ुशी के लिए खुद को बलिदान कर दिया।



TRUE LOVE STORY❤



https://www.hindisstory.in/2021/09/very-sad-love-story-in-hindi.html


ऋषि को चौदह साल की उम्र में ही पहला प्यार हो गया था| ऋषि उस समय आठवीं क्लास में था,

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उम्र कम थी लेकिन मॉर्डन ज़माने में लोग इसी उम्र में प्यार कर बैठते हैं|

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ऋषि का ये पहला प्यार उसकी क्लास में पढ़ने वाली लड़की “नीलम” के साथ था| नीलम अमीर घराने की लड़की थी,

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उम्र यही कोई 13 -14 साल ही होगी और दिखने में बला की खूबसूरत थी| 

नीलम के पापा का प्रापर्टी डीलिंग का काम था, अच्छे पैसे वाले लोग थे|

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ऋषि मन ही मन नीलम को दिल दे बैठा था लेकिन हमेशा कहने से डरता था

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ऋषि के पिता एक स्कूल में अध्यापक थे| उनका परिवार भी सामान्य ही था इसीलिए डर से ऋषि कभी प्यार का इजहार नहीं करता था|

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चलो इस प्यार के बहाने ऋषि की एक गन्दी आदत सुधर गयी| 

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ऋषि आये दिन स्कूल ना जाने के नए नए बहाने बनाता था लेकिन आज कल टाइम से तैयार होके चुपचाप स्कूल चला आता था| 

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माँ बाप सोचते बच्चा सुधर गया है लेकिन बेटे का दिल तो कहीं और अटक चुका था|

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समय ऐसे ही बीतता गया…लेकिन ऋषि की कभी प्यार का इजहार करने की हिम्मत नहीं हुई बस चोरी छिपे ही नीलम को देखा करता था|

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हाँ कभी -कभी उन दोनों में बात भी होती थी लेकिन पढाई के टॉपिक पर ही.. ऋषि दिल की बात ना कह पाया|

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समय गुजरा,,आठवीं पास की, नौवीं पास की…अब दसवीं पास कर चुके थे लेकिन चाहत अभी भी दिल में ही दबी थी|

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आज स्कूल का अंतिम दिन था| ऋषि मन ही मन उदास था कि शायद अब नीलम को शायद ही देख पायेगा क्यूंकि ऋषि के पिता की इच्छा थी कि दसवीं के बाद बेटे को बड़े शहर में पढ़ाने भेजें|

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स्कूल के अंतिम दिन सारे दोस्त एक दूसरे से प्यार से गले मिल रहे थे, अपनी यादें शेयर कर रहे थे| नीलम भी अपनी फ्रेंड्स के साथ काफी खुश थी आज..सब एन्जॉय कर रहे थे,, अंतिम दिन जो था लेकिन ऋषि की आँखों में आंसू थे|

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ऋषि चुपचाप क्लास में गया और नीलम के बैग से उसका स्कूल identity card निकाल लिया|

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उस कार्ड पर नीलम की प्यारी सी फोटो थी| ऋषि ने सोचा कि इस फोटो को देखकर ही मैं अपने प्यार को याद किया करूंगा|

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बैंक से लोन लेकर पिताजी ने ऋषि को बाहर पढ़ने भेज दिया|

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नीलम के पिता ने भी किसी दूसरे शहर में बड़ा मकान बना लिया और वहां शिफ्ट हो गए| ऋषि अब हमेशा के लिए नीलम से जुदा हो चुका था|

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समय अपनी रफ़्तार से बीतता गया,, ऋषि ने अपनी पढाई पूरी की और अब एक बड़ी कम्पनी में नौकरी भी करने लगा था, 

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अच्छी तनख्वाह भी थी, लेकिन जिंदगी में एक कमी हमेशा खलती थी – वो थी नीलम।

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लाख कोशिशों के बाद भी ऋषि फिर कभी नीलम से मिल नहीं पाया था|

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घर वालों ने ऋषि की शादी एक सुन्दर लड़की से कर दी और संयोग से उस लड़की का नाम भी नीलम ही था| 

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ऋषि जब भी अपनी पत्नी को नीलम नाम से पुकारता उसके दिल की धड़कन तेज हो उठती थी| आखों के आगे बचपन की तस्वीरें उभर आया करतीं थी|

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पत्नी को उसने कभी इस बात का अहसास ना होने दिया था लेकिन आज भी नीलम से सच्चा प्यार करता था|

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एक दिन ऋषि कुछ फाइल्स तलाश कर रहा था कि अचानक उसे नीलम का वो बचपन का Identity Card मिल गया|

उसपर छपे नीलम के प्यारे से चेहरे को देखकर ऋषि भावुक हो उठा कि तभी पत्नी अंदर आ गयी और उसने भी वह फोटो देख ली|


पत्नी – यह कौन है ? जरा इसकी फोटो मुझे दिखाओ


ऋषि – अरे कुछ नहीं, ये ऐसे ही बचपन में दोस्त थी


पत्नी – अरे यह तो मेरी ही फोटो है, ये मेरा बचपन का फोटो है,, देखो ये लिखा “सरस्वती कान्वेंट स्कूल” यहीं तो पढ़ती थी मैं


ऋषि यह सुनकर ख़ुशी से पागल सा हो गया – क्या है तुम्हारी फोटो है ? मैं इस लड़की से बचपन से बहुत प्यार करता हूँ


नीलम ने अब ऋषि को अपनी पर्सनल डायरी दिखाई जहाँ नीलम की कई बचपन की फोटो लगीं थीं| 


ऋषि की पत्नी वास्तव में वही नीलम थी जिसे वह बचपन से प्यार करता था|


नीलम ने ऋषि के आंसू पौंछे और प्यार से उसे गले लगा लिया क्यूंकि वह आज से नहीं बल्कि बचपन से ही उसका चाहने वाला था|


ऋषि बार बार भगवान् का शुक्रिया अदा कर रहा था!!


दोस्तों वो कहते हैं ना कि प्यार अगर सच्चा हो तो रंग लाता ही है| ठीक वही हुआ ऋषि और नीलम के साथ भी..❤️❤️❤️❤️❤️


Hindi Love Story😘



https://www.hindisstory.in/2021/09/very-sad-love-story-in-hindi.html


एक छोटे से शहर में, दो दिलों के बीच एक अद्भुत प्रेम कहानी थी। विक्रम और सुमन, दो जवान जीवनसाथी, एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। उनका प्रेम वाकई अनमोल था, और उन्हें दोनों के बिना जीने की कल्पना भी नहीं होती थी।


लेकिन एक दिन, एक दुर्घटना हो गई। विक्रम को एक कार दुर्घटना में घायल हो गया, और उसका हाल गंभीर हो गया। वह अस्पताल में भर्ती हो गया, जहां उसे लंबे समय तक निर्धारित किया गया।


सुमन को विक्रम का हाल जानकर बहुत दुख हुआ। उसका मन उदास हो गया, और वह हर पल उसकी चिंता में खो गई। विक्रम की ख्वाहिश थी कि सुमन अस्पताल आए और उसके साथ समय बिताए, लेकिन विभाजन के कारण, सुमन अस्पताल नहीं जा सकती थी।


दिन बितते गए, और विक्रम की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। सुमन को अपने प्यार को अस्पताल में देखने की विचार से भी आशा मिलती थी, लेकिन वह उस बंधन से मुक्त नहीं हो सकती थी।


आखिरकार, एक दिन उनके हाथ बंध गए। विक्रम की स्थिति बिगड़ी हुई थी, और उसका जीवनसाथी उसके साथ रहने का निर्णय लेने में साहस नहीं कर पा रही थी। एक बेहद दुखभरी पल, सुमन ने विक्रम से विदाई ली।


सुमन ने अपने प्यार का हाथ छोड़ा और अस्पताल से चली गई। उसका दिल टूट गया, और वह रोए बिना नहीं रह पाई। उसने विक्रम को चाहा, उससे बिना कहे विदाई ली, और वह एक दुर्भाग्यशाली विचार बन गई।


यह सच्ची और दु:खद प्रेम कहानी है जो बताती है कि प्यार में जीत नहीं होती हर बार, और कभी-कभी दिल के दर्द का सामना करना होता है।



रोहन और मेघा की दुःखद कहानी गाँव के लोगों के दिलों में समाई और उनकी सफलता और त्याग की मिसाल बन गई। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि प्यार और समर्पण की कदर करना कितना महत्वपूर्ण है, चाहे हमें अपने ख़ुदा तक पहुँचने के लिए कितनी भी मुश्किलें आएं।🥺


एक छोटे से शहर में, एक अकेली लड़की नाम रिया रहती थी। वह अपने ख्वाबों के साथ जीती थी, और एक दिन उसे आनंद के साथ एक लड़का आर्यन से मिलने की आशा हुई।


रिया और आर्यन की मुलाकात एक किताबी मेले में हुई। वे दोनों एक-दूसरे के साथ अद्भुत तरीके से संवाद करने लगे, और उन्हें एक-दूसरे के साथ बिताए गए समय से खुशी मिली। वे दोस्त बन गए, और उनके बीच एक खास रिश्ता विकसित होने लगा।


लेकिन रिया के दिल में छुपी हुई एक बात थी - वह आर्यन से प्यार करने लगी थी। उसे लगा कि वह भी उससे प्यार करते हैं, पर वह अपने भावनाओं को नहीं बयां कर पा रही थी।


एक दिन, एक आम परिस्थिति में, रिया ने अपने दिल की बात आर्यन से कहने का साहस किया। लेकिन उनके बदले में, आर्यन ने उसे दिलासा दिया कि वे सिर्फ दोस्त हैं और उसके लिए प्यार नहीं है।


रिया बहुत दुखी हुई, लेकिन उसने साहस नहीं हारा। वह अपने दिल के दर्द के साथ सामना करने का प्रयास करती रही, और समय के साथ, उसके दिल का दर्द धीरे-धीरे कम होता गया।


रिया ने अपने जीवन को आगे बढ़ाने का फैसला किया और अपने ख्वाबों के पीछे भागने की कोशिश की। वह एक सकारात्मक रूप से अपने करियर में सफलता पाई, और अपने जीवन में नई खुशियाँ खोजने की कोशिश करती रही।


आखिरकार, उसे समझ में आया कि असली प्यार खुद को पहचान में नहीं मिलता, बल्कि खुद को स्वीकार में मिलता है। वह खुद को स्नेहशील बना दिया और अपने जीवन को खुशियों से भर दिया।


इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जब कोई हमारे प्यार को स्वीकार नहीं करता है, तो हमें खुद को प्रेम और सम्मान देने की कोशिश करनी चाहिए। वास्तविक प्यार खुद के अंदर से आता है, और जब हम खुद को स्नेहशील बनाते हैं, तो हमें आनंद और सुख मिलता है, चाहे हमारे जीवन में कोई भी हो।


एक छोटे से शहर में, दो दिलों के बीच एक अद्भुत प्रेम कहानी थी। विक्रम और सुमन, दो जवान जीवनसाथी, एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। उनका प्रेम वाकई अनमोल था, और उन्हें दोनों के बिना जीने की कल्पना भी नहीं होती थी।


लेकिन एक दिन, एक दुर्घटना हो गई। विक्रम को एक कार दुर्घटना में घायल हो गया, और उसका हाल गंभीर हो गया। वह अस्पताल में भर्ती हो गया, जहां उसे लंबे समय तक निर्धारित किया गया।


सुमन को विक्रम का हाल जानकर बहुत दुख हुआ। उसका मन उदास हो गया, और वह हर पल उसकी चिंता में खो गई। विक्रम की ख्वाहिश थी कि सुमन अस्पताल आए और उसके साथ समय बिताए, लेकिन विभाजन के कारण, सुमन अस्पताल नहीं जा सकती थी।


दिन बितते गए, और विक्रम की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। सुमन को अपने प्यार को अस्पताल में देखने की विचार से भी आशा मिलती थी, लेकिन वह उस बंधन से मुक्त नहीं हो सकती थी।


आखिरकार, एक दिन उनके हाथ बंध गए। विक्रम की स्थिति बिगड़ी हुई थी, और उसका जीवनसाथी उसके साथ रहने का निर्णय लेने में साहस नहीं कर पा रही थी। एक बेहद दुखभरी पल, सुमन ने विक्रम से विदाई ली।


सुमन ने अपने प्यार का हाथ छोड़ा और अस्पताल से चली गई। उसका दिल टूट गया, और वह रोए बिना नहीं रह पाई। उसने विक्रम को चाहा, उससे बिना कहे विदाई ली, और वह एक दुर्भाग्यशाली विचार बन गई।


यह सच्ची और दु:खद प्रेम कहानी है जो बताती है कि प्यार में जीत नहीं होती हर बार, और कभी-कभी दिल के दर्द का सामना करना होता है।


Hindi Love Story😘



https://www.hindisstory.in/2021/09/very-sad-love-story-in-hindi.html


एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में, एक जवान लड़के नामकरण और एक सुंदरी सी लड़की निया रहते थे। वे दिन भर साथ खेलते, हंसते और अपने दिल की बातें बांटते थे। जैसे-जैसे वे बड़े होते गए, उनका रिश्ता और गहरा हो गया, और उन्हें एहसास हुआ कि वे एक-दूसरे से प्यार कर बैठे हैं।


लेकिन किस्मत ने उनके साथ अलग खेल रचा। निया के पिता को काम के कारण एक दूसरे शहर भेज दिया गया। नामकरण बेहद दुखी था, लेकिन वे वादा करते हैं कि वे संपर्क में रहेंगे।


सालों बीत गए, और नामकरण ने मेहनत करके अपने सपनों को पूरा किया। वे एक सफल उद्यमी बन गए, लेकिन वे निया को भूल नहीं पाए। वहीं, निया ने खुद को एक कलाकार के रूप में साबित किया और नामकरण को फिर से देखने की आशा करती रही।


एक दिन, किस्मत ने उन्हें फिर से आमने-सामने ला दिया, जब एक कला प्रदर्शनी में। उनकी आँखें मिलीं, और सभी छिपी हुई भावनाओं ने उबल कर सामने आए। वे पूरी शाम एक-दूसरे से मिलते रहे, अपने जीवनों की खबरें आपस में बांटते रहे।


महसूस करते हुए, कि वे कभी एक-दूसरे को प्यार करना कभी नहीं छोड़ा, नामकरण और निया ने अपने प्यार को दूसरी मौका देने का फैसला किया। उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया, दूरी का सामना किया, और गलतफहमियों का मुकाबला किया, लेकिन उनका प्यार उन सभी चीजों से मजबूत था।


आखिरकार, वे एक भारतीय परंपरागत शादी में विवाह कर गए, अपने प्रियजनों के बीच। उनकी प्रेम कहानी बहुतों के लिए प्रेरणा बनी, जो दिखाती थी कि सच्चा प्यार किसी भी रुकावट को पार कर सकता है।


और वे खुशी-खुशी जीते, अपने प्यार को याद करते, और सदैव कृतज्ञ रहते, जो उन्हें एक दूसरे के प्यार का दूसरा मौका दिया था।


Hindi Love Story😘


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एक छोटे से शहर में, दो दिलों के बीच एक अद्भुत प्रेम कहानी थी। विक्रम और सुमन, दो जवान जीवनसाथी, एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे। उनका प्रेम वाकई अनमोल था, और उन्हें दोनों के बिना जीने की कल्पना भी नहीं होती थी।


लेकिन एक दिन, एक दुर्घटना हो गई। विक्रम को एक कार दुर्घटना में घायल हो गया, और उसका हाल गंभीर हो गया। वह अस्पताल में भर्ती हो गया, जहां उसे लंबे समय तक निर्धारित किया गया।


सुमन को विक्रम का हाल जानकर बहुत दुख हुआ। उसका मन उदास हो गया, और वह हर पल उसकी चिंता में खो गई। विक्रम की ख्वाहिश थी कि सुमन अस्पताल आए और उसके साथ समय बिताए, लेकिन विभाजन के कारण, सुमन अस्पताल नहीं जा सकती थी।


दिन बितते गए, और विक्रम की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। सुमन को अपने प्यार को अस्पताल में देखने की विचार से भी आशा मिलती थी, लेकिन वह उस बंधन से मुक्त नहीं हो सकती थी।


आखिरकार, एक दिन उनके हाथ बंध गए। विक्रम की स्थिति बिगड़ी हुई थी, और उसका जीवनसाथी उसके साथ रहने का निर्णय लेने में साहस नहीं कर पा रही थी। एक बेहद दुखभरी पल, सुमन ने विक्रम से विदाई ली।


सुमन ने अपने प्यार का हाथ छोड़ा और अस्पताल से चली गई। उसका दिल टूट गया, और वह रोए बिना नहीं रह पाई। उसने विक्रम को चाहा, उससे बिना कहे विदाई ली, और वह एक दुर्भाग्यशाली विचार बन गई।


यह सच्ची और दु:खद प्रेम कहानी है जो बताती है कि प्यार में जीत नहीं होती हर बार, और कभी-कभी दिल के दर्द का सामना करना होता है।



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