सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

प्रदर्शित

कहा खो गई थी तुम Short Romantic Love Stories In Hindi

कहा खो गई थी तुम  Short Romantic Love Stories In Hindi गाँव में कॉलेज नही था इस कारण पढ़ने के लिए में शहर आया था । यह किसी रिश्तेदार का एक कमरे का मकान था! बिना किराए का था,  आस-पास सब गरीब लोगो के घर थे। और में अकेला था सब काम मुजे खुद ही करने पड़ते थे।  खाना-बनाना, कपड़े धोना, घर की साफ़-सफाई करना। कुछ दिन बाद एक गरीब लडकी अपने छोटे भाई के साथ मेरे घर पर आई। आते ही सवाल किय " तुम मेरे भाई को ट्यूशन करा सकते हो कयां?" मेंने कुछ देर सोचा फीर कहा "नही" उसने कहा "क्यूँ? मेने कहा "टाइम नही है। मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी।" उसने कहा "बदले में मैं तुम्हारा खाना बना दूँगी।" शायद उसे पता था की में खाना खुद पकाता हुँ मैंने कोई जवाब नही दिया तो वह और लालच दे कर बोली:- "बर्तन भी साफ़ कर दूंगी।" अब मुझे भी लालच आ ही गया: मेने कहा- "कपड़े भी धो दो तो पढ़ा दूँगा।" वो मान गई। इस तरह से उसका रोज घर में आना-जाना होने लगा। वो काम करती रहती और मैं उसके भाई को पढ़ा रहा होता। ज्यादा बात नही होती।   उसका भाई 8वीं कक्षा में था। खूब होशियार था। इस

Sad Love Story in Hindi 90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी

Sad Love Story in Hindi 90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी


90s की कहानी है, जब मोहब्बत आज की तरह नहीं होती थी. पहले बात करने के लिए लेटर पोस्ट करना पड़ता था, फोन करना पड़ता था, लेकिन कैबिल् बाला हर किसी के घर में नहीं था. सोचिये कि 1 महीने बाद किसी को दुख या तकलीफ का पता नहीं लगता था, तो आज हम फोन करके सब कुछ जानेंगे।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी


Sad Love Story in Hindi 90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी



यह कहानी 1996 की है, जब रमेश लगभग 18 साल का था और स्कूल पूरा करके कॉलेज जाना था। उस समय कॉलेज भी होते थे, लेकिन रमेश के शहर में कॉलेज नहीं था, इसलिए वह शादी नहीं करना चाहता था. 16 साल की उम्र में भी शादी हो सकती थी, लेकिन रमेश ने इन सब बातों को नहीं मानते थे, इसलिए वह अपने घर में शादी करने का फैसला किया. हानिया मुस्लिम थी और पढ़ने के लिए अपने नाना-नानी के घर आई।


Sad Love Story in Hindi 


उस समय, रमेश का घर हानिया के नाना-नानी के घर के ठीक सामने था।लड़कियों को बहुत कम पढ़ाया जाता था, लेकिन हानिया पढ़ना चाहती थी, इसलिए बो अपने नाना-नानी के पास चली गई. रमेश ने उसी कॉलेज में एडमिशन लिया था जहां हानिया बुर्खे में पढ़ती थी, तो रमेश ने हानिया को एक दिन क्लास रूम में देखा।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 


लेकिन रमेश को आगे से एक आवाज सुनाई दी, "सर, हमें समझ नहीं आता क्या आप दोबारा बताओगे," रमेश ने हानिया को देख तो नहीं पाया, लेकिन उसकी आवाज़ उसे इतनी पसंद आई कि उसे उसे देखने का मन करने लगा. वह पीछे बैठा रहा और बार-बार हानिया को देख रहा था कि शायद उसका चेहरा दिख जाए, लेकिन बुर्खे नहीं दिखाई देता था।


वह हानिया को चेहरा नहीं दिखा. कुछ देर बाद, रमेश ने हानिया को घर जाते देखा और उसकी आँखें देखी, जो उसे इतना प्यार करने लगी कि वह उसका चेहरा देखने के लिए बहुत उत्सुक हो गया।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 


रमेश हर दिन कॉलेज में हानिया को देखने की कोशिश करता था, लेकिन नहीं पाता था. फिर एक दिन वह अपने ही घर की छत पर किताब लेकर पढ़ रहा था, तभी सामने बाली छत पर कपड़े सुखा रही एक लड़की आती है. तुरंत लड़की घुमती है और रमेश की तरफ देखती है। रमेश को उसकी आँखे जानी पहचानी सी लगी, और वह हानिया को देखता ही रह गया। फिर हानिया ने रमेश की ओर देखा और नीचे चली गई।, रमेश  नहीं जानता था कि ये वही लड़की है जिसके चेहरे को देखने के लिए वह कई दिनों से उत्सुक था।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 



Sad Love Story in Hindi 


हाल ही में हानिया के नाना नानी के घर जाता है, जो उसे अपने पोते की तरह मानते हैं. वह उनकी हर मुसीबत में उनकी मदद करता है क्योंकि उनके बच्चे उनसे अलग रहते हैं. रमेश ने दादी को गले लगाकर कहा, "बहुत भूख लगी है दादी, जल्दी कुछ खाने को दे दो." दादी ने हस्ते हुए कहा, "आ गया शैतान, चल दादा जब दादा अखबार पढ़ रहे थे, तो रमेश उनके पास बैठकर उनसे बात कर रहा था।


रमेश हानिया को देखते रहता है। दादी कहती है, "यह हानिया हमारी बेटी की बेटी है और ये हानिया है रमेश, हमारा बच्चा बहुत ध्यान रखता है." रमेश हानिया को देखकर खुश हो जाता है और उसके होश उड़ जाते हैं, जब दादी उसे खाना देती है। रमेश कहता है कि हानिया मेरी ही क्लास में है। दादी रमेश मानता है कि दादा ने कहा कि हानिया को साथ लेकर कॉलेज जाना अच्छा है और चला जाता है।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 


अगले दिन सुबह मैं और हानिया रमेश कॉलेज जा रहे थे। तब रमेश ने हानिया से बात करने की कोशिश की, लेकिन हानिया ने बहुत कुछ नहीं कहा. धीरे-धीरे दोनों की अच्छी दोस्ती बन गई, और वे खुलकर एक दूसरे से बात करने लगे। जैसे पहले, हानिया चुप नहीं रहती थी. कुछ दिनों से कॉलेज में एक लड़का उसे परेशान कर रहा था, लेकिन हानिया ने रमेश को नहीं बताया. एक दिन, रमेश ने हानिया को अपनी आँखों से देखा और उसका हाथ पकड़ने की कोशिश की।



Sad Love Story in Hindi 


रमेश ने लड़के को मारा और उसकी कम्प्लेन की, रमेश गुस्सा हुआ और हानिया से बोला, "तुमने मुझे बताया क्यों नहीं", हानिया धीरे-धीरे रमेश से प्यार करने लगी। रमेश पहले से ही हानिया को अपना दिल दे बैठा था, लेकिन उसे गंदी नज़र से कोई नहीं देखता था, इसलिए वह हर समय हानिया के साथ रहता था. एक दिन, दादी ने दोनों को छत से देखकर मुस्कुराते देखा।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 


“अपने दिल की बात उससे कहदी या नहीं,” दादी ने मुस्करा कर कहा जब रमेश उनके पास गया। रमेश ने तुरंत उत्तर देते हुए कहा, "अभी कहाँ बोल पाये दादी", और रमेश को तुरंत याद आया कि दादी को कैसे पता चला था. दादी ने कहा, "साथ अच्छे लगते हो जल्दी हानिया को अपने दिल की बात बता दे." रमेश ने कहा, "दादी, कहीं मना ना करो इस बात को।"


रमेश ने कहा, "दादी, मुझे डर लगता है कि वह कुछ दिनों बाद घर चली जाएगी और फिर कोई और ले जाएगा उसे शादी करके." दादी ने कहा, "नहीं, दादी, शुभ बोलिये।"  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 


अगले दिन, रमेश हानिया को रास्ते में अपने दिल की बात बताते हुए कहता है, "सुनो हानिया, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुमसे शादी करना चाहता हूँ।" रमेश शाम को घर जाता है, जब हानिया मुस्कुराते हुए चली जाती है। हानिया, उसके नाना और नानी बैठे हैं जब हानिया अपने दादा-नानी को सब कुछ बताती है, दादा मुस्कुराते हुए पूछते हैं, "कब शादी करनी है?" रमेश और हानिया उनका आशीर्वाद लेते हैं और धीरे-धीरे दोनों समय बिताते हैं, और समय कब निकल जाएगा पता नहीं


Sad Love Story in Hindi 


कुछ दिनों बाद हानिया की पढ़ाई पूरी हो जाती है और घर जाने से पहले सबसे मिलती है, खासकर रमेश से. हानिया रो रही थी, लेकिन रमेश ने कहा, "रो मत, घर जाकर चिट्ठी लिखना, मैं भी लिखुगा और मम्मी पापा से बात करो, बस फिर शादी करके ले आऊँगा तुम्हारे लिए।" रमेश को आखिरी बार गले लगाकर हानिया चली जाती है। दोनों घर जाकर एक दूसरे को चिट्ठी लिखने लगे, लगभग दो महीने लग गए कि उनकी बातें एक दूसरे तक पहुँच गईं, जबतक वे एक दूसरे को चिट्ठी लिखते रहते थे।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 



Sad Love Story in Hindi 90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी



हानिया की नानी ने एक दिन उनके माता-पिता से बात की। रमेश भी वहीं बैठा सुन रहा था कि हानिया और रमेश शादी करेंगे, लेकिन हानिया के पिता इस शादी से इनकार कर देते हैं क्योंकि रमेश हिंदू था. हानिया ने अपने घर में कहा कि वह सिर्फ रमेश से शादी करेगी। उस समय लड़की का इतना कहना बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि हानिया के पिता ने उसके लिए एक लड़का देखकर शादी करने का निर्णय लिया था।



रमेश को एक पत्र लिखकर हानिया ने कहा कि उसके पिता उसकी शादी जबरदस्ती कर रहे हैं और कहा कि वह कुछ करे जबतक रमेश नहीं जानता था कि हानिया की शादी हो चुकी है। रमेश ने हानिया के घर जाकर कोई नहीं पाया। हानिया के माता-पिता भी वहाँ से चले गए और इन स्थानों पर रहने लगे हानिया के नाना-नानी तक नहीं जानते थे रमेश को पता चला कि हानिया करीब एक साल बाद अपने नाना-नानी के घर आई, तो वह भाग गया।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 

Sad Love Story in Hindi 


आखिरी भेट— डरावनी प्रेम कहानी में, रमेश ने हानिया को देखा, जो नजर चुकाए खड़ी थी; अगर वह रमेश को देखती तो वह वापस नहीं जा पाती थी, इसलिए रमेश ने हानिया से कहा, "अब यहीं रहोगी ना, वहां मत जाना, अब हम शादी कर लेंगे." हानिया ने रमेश से आखिरी बार माफी मांगी और कहा, "अब यहीं रहोगी ना “हम मांगने आये हैं, हमें माफ करना, अब हम किसी और के हैं, बो हमें जैसे रखेगे वैसे रहना होगा,” हानिया ने कहा और चली गई. रमेश सिर्फ रोता रह गया। बिना कुछ कहे, हानिया रमेश से प्यार करती हुई सारे ज़ुल्म सेहती रही।  90 के दशक की दर्द भरी प्रेम कहानी 


दोस्तों, अगर हानिया ने सही किया, तो एक कमेंट में बताओ कि आपको ये प्रेम कहानी कैसी लगी।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

if you have any doubts , please let me know

लोकप्रिय पोस्ट