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True Love Story - सच्चे प्यार की कहानीयां
गणेश एक छोटे से कारखाने में काम करता है रात के 9:00 बजते ही, गणेश की छुट्टी हो जाती है घर ढाई किलोमीटर दूर है जिसे वह पैदल ही चलकर तय करता है
रास्ते में उसे हमेशा एक शराब की दुकान दिखाई देती थी आज भी वह दुकान दिखाई दी बहुत भीड़ लगी थी लोग आपस में बातें कर रहे थे, आज रात को नया साल है जमकर पियेंगे दूर एक पुलिस की जिप्सी खड़ी हुई थी शराब की दुकान के बाहर भीड़ बढ़ती ही जा रही थी गणेश ने मोबाइल में समय देखा तो 9:15 हो चुके थे
गणेश ने जेब में टटोलकर एक 200 रूपए का नोट निकाला उस नोट को गौर से देखने लगा लंच के समय धूप सेंकने के लिए कारखाने के बाहर खड़ा हुआ था तब सड़क पर उसे यह नोट पड़ा हुआ मिला था
सुबह पत्नी ने कहा था कारखाने के मालिक से 200 रूपए एडवांस लेकर रात को जब ड्यूटी से आओ तो दुकान से मूंगफली और गजक खरीदते हुए आना, लेकिन सुबह से कारखाने का मालिक कारखाने में नहीं पहुंचा
किसी भी मजदूर को कोई एडवांस नहीं मिला लेकिन गणेश खुश था क्योंकि उसकी जेब में अब 200 रूपए का नोट था गणेश कारखाने में दिनभर मशीन चलाकर स्वयं को काफी थका हुआ महसूस कर रहा था वह खुद को रोक न सका शराब की दुकान के बाहर लंबी लाइन को देखकर गणेश भी लाइन में लग गया पलंग पर दो नन्हें बच्चे बैठे हुए हैं एक का नाम सोनू एक का नाम रीना सामने टेलीविजन चल रहा है
सोनू अपनी बड़ी बहन रीना से कहने लगा पापा शाम को मूंगफली और गजक लायेंगे रीना ने कहा मोहल्ले में सबके पापा नए साल को मूंगफली और गजक लाते हैं हमारे पापा भी जरूर मूंगफली और गजक लायेंगे
तभी दरवाजे की बेल बजी गणेश की पत्नी ने दरवाजा खोल दिया गणेश के हाथ में एक बड़ा सा पैकेट था गणेश ने वह पैकेट पलंग पर रख दिया और बाथरूम में जाकर हाथ मुंह धोने चला गया सोनू ने पैकेट को छुआ तो पैकेट कुछ भारी था सोनू ने रीना को बताया लगता है पापा बहुत सारी गजक लाए हैं और मूंगफली भी गणेश बाथरूम से आकर पलंग पर बैठ गया पत्नी ने थाली में खाना लगा दिया
मां ने बच्चों से कहा खाने का सामान है रात को 12:00 बजे ही पैकेट खुलेगा उससे पहले कोई हाथ नहीं लगाएगा सोनू और रीना चुपचाप टीवी देखने लगे रात के 11:00 बज चुके थे बच्चों की आंखों में नींद भरने लगी लेकिन बच्चे मूंगफली और गजक खाना चाहते थे इसीलिए वह अभी तक जाग रहे हैं गणेश ने सोनू से कहा जा दादी के कमरे से दादी को बुला ला
सोनू अपनी दादीजी की उंगली पकड़कर पापा के कमरे में ले आया दादी को एक बड़ा सा पैकेट दिखाते हुए कहने लगा पापा हमारे लिए ढेर सारी मूंगफली और गजक लाए हैं सबके चेहरे पर मुस्कान थी गणेश ने बच्चों से कहा तुम सो जाओ रात हो चुकी है
बच्चे अपनी जिद्द पर अड़े हुए थे नहीं हम मूंगफली और गजक खाकर ही सोएंगे बातों बातों में 12:00 बज गए गलियों से बम पटाखे की आवाज़ें भी आने लगी चारों तरफ खुशी का माहौल था फिर से नया साल आ गया
सोनू ने कहा पापा अब तो पैकेट खोल दो दादीजी को मैं मूंगफली छीलकर खिलाऊंगा अब दादीजी बूढ़ी हो गई है ना उनसे मूंगफली ना छिलेगी सोनू की बातें सुनकर दादीजी खूब हंसी गणेश ने सोनू से कहा कि यह पैकेट तुम्हारी दादीजी खोलेगी बच्चों ने तालियां बजाई दादीजी तुम खोलो पैकेट जैसे ही खोला उसमें ना मूंगफली ना गजक सोनू अपनी बहन रीना की तरफ मुंह करके देखने लगा
गणेश की पत्नी ने गौर से देखते हुए कहा यह तो एक नई शॉल है , गणेश ने बताया मां की शॉल पुरानी हो चुकी थी और कई जगह से फट भी चुकी थी घर में रजाई और कंबल तो बहुत है लेकिन नई शाॅल ना थी जिससे ठंड रूक सके
सोनू ने पापा की तरफ देखते हुए कहा तो हमारी मूंगफली और गजक कहां गई गणेश ने बताया मैं शराब की दुकान की लंबी लाइन में लगा हुआ था मुझे याद आया कि बच्चों ने 2 दिन पहले कहा था कि पापा नए साल को मूंगफली और गजक जरूर लाना
मैं जल्दी से लाइन से निकला और मूंगफली वाले ठेले के पास पहुंच गया 1 किलो मूंगफली और आधा किलो गजक पैक करवा ली उसी ठेले वाले के पीछे एक दुकान थी जिस पर बहुत सारी गर्म शाॅल दुकान के बाहर लटकी हुई थी
शाॅल को देखकर मुझे याद आया 5 बरस पहले जब मेरी नई नौकरी लगी थी तब एक नई शाॅल खरीद कर तुम्हारी दादीजी के लिए लाया था उसके बाद घर में खर्च बढ़ते चले गए तुम सोनू और रीना पैदा हो गए तुम्हारे दूध पानी का खर्चा बढ़ गया काम धंधे में ऐसा उलझा की अपनी मां से मिलने का भी वक्त ना रहा
तुम्हारी दादीजी ने 5 वर्षों से वही पुरानी शॉल लपेटे हुए कितनी सर्दिया बिताई किंतु एक बार भी ना कहा कि मेरे लिए नई शाॅल खरीद कर ले आओ मैंने तुरंत मूंगफली और गजक लेने का इरादा छोड़ दिया और शॉल वाली दुकान पर पहुंच गया
ठेले वाला चिकचिक करने लगा कि तुमने मूंगफलियां पैक करवा ली अब क्यों नहीं लेते भाई साहब,, मैंने उसे अपनी मजबूरी बताई मेरे पास सिर्फ 200 ही रुपए हैं बीवी के लिए तो कई बार साड़ियां खरीद चुका हूं लेकिन आज अपनी बूढ़ी मां के लिए नई शॉल खरीदना चाहता हूं ठेले वाले ने कहा नया साल है दिन भर से मूंगफली और गजक बेंचकर काफी पैसे इकट्ठे कर लिए है
मेरा उसूल है पैक करा हुआ सामान वापस नहीं लेता मूंगफली और गजक घर ले जाइए और बच्चों से कहना ठेले वाले की तरफ से नया साल मुबारक हो मैंने मूंगफली का पैकेट हाथ में लिया दुकान पर जाकर एक नई शाॅल खरीदी घर पहुंचा तो मूंगफली वाली थैली ,,, कमरे के भीतर आने से पहले ही बाहर दीवार की एक कील पर टांग दी
रीना ने दौड़कर दरवाजा खोला और बाहर से मूंगफली का पैकेट कमरे के भीतर ले आई सोनू ने जल्दी से शॉल उठाकर दादीजी के चारों तरफ लपेट दी जोर से बोला,, दादीजी नया साल मुबारक
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Beautiful story ♥️😍
जवाब देंहटाएंWow brother.... Outstanding ♥️ story hain... One of the best story hain maza a gaya padh kr hme
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